प्रदर्शन के बीच में पीस रहा है आम जनता

कभी साइन बाग ki प्रदर्शन तो कभी किसान के प्रदर्शन कभी किसी और चीज का प्रदर्शन इस प्रदर्शन के बीच में सिर्फ आम जनता पिस रही है


             आखिर क्या हो गया है मेरे हिंदुस्तान को




2014 से जब से मोदी सरकार बना है तब से देश में कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ प्रदर्शन बगैरा होते ही रहते हैं लेकिन इस प्रदर्शन के चलते मेडियम क्लास कहे तो आम जनता पीस रहा है कहीं शाहीन बाग का प्रदर्शन होता है तो कहीं किसान प्रदर्शन होता है तो कहीं अन्य चीज के बीच में प्रदर्शन होता है



अगर किसी को कोई चीज से प्रॉब्लम है दिक्कत है तो प्रदर्शन कीजिए हम प्रदर्शन के विरोध में नहीं है लेकिन हर काम का एक तरीका होता है आप प्रदर्शन कीजिए ऐसी जगह कीजिए जिससे आम जनता का नुकसान ना हो क्योंकि कभी शाहीन बाग वाले रोड जाम कर देते हैं और बिज़नस एकदम थक हो जाता है काम धंधा बिल्कुल बंद हो जाता है



तो कभी किसान आंदोलन के नाम पर प्रदर्शन होते हैं फिर से रोड बंद हो जाता है रोड जाम हो जाता है फैक्ट्री वगैरा बंद हो जाता है काम धंधा बिल्कुल बंद हो जाता है और इन सब के बीच में सिर्फ सिर्फ आम आदमी पिस्ता है आम आदमी को नौकरी नहीं मिल रहा है जब फैक्ट्री बंद रहेगा तो आम आदमी क्या करेगा



आपको याद होगा जब शाहीन बाग का प्रदर्शन हुआ था तो काफी दिन तक काम धंधा बंद हो गया था उसके बाद कोरोना का महामारी घोषित हुआ उसके बाद लॉकडाउन आया उसके बाद फिर काम धंधा ए टू जेड बंद हो गया खुलने के बाद लगा कि थोड़ा बहुत काम स्टार्ट होगा लेकिन कुछ दिन ही बीते थे





 कि किसान प्रदर्शन चालू हो गए और उसके बाद फिर काम धंधा बंद हो गया फिर भी 1 साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है आम आदमी परेशान है हाथ में पैसा नहीं है कहीं काम नहीं मिल रहा है क्योंकि फैक्ट्री बगैरा बंद है ना सरकार इस पर कुछ फैसला कर पा रही है नहीं आम आदमी परेशानी से बच पा रहा है और नहीं पर दर्शन बगैरा रुक रहे हैं हमेशा कुछ न कुछ प्रदर्शन होता ही रहता है

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