नरेंद्र मोदी जी को केंद्र me आने के बाद राजनीति का तरीका ही बदल गया कल तक जो मस्जिद मस्जिद घूमते थे आज मंदिर मंदिर घूम रहे हैं
नरेंद्र मोदी ने बदला राजनीति का तरीका
2014 से पहले नरेंद्र मोदी केंद्र में नहीं थे केंद्र से बाहर गुजरात के सीएम हुआ करते थे और 2014 से पहले राजनीति का तरीका जरा हटके हुआ करता था याद कीजिए 2014 से पहले जब भी कोई त्यौहार आता था हिंदू या मुस्लिम का तो हिंदू के त्योहार हमको कोई सीरियस नहीं लेता था लेकिन जब कोई मुस्लिम का त्यौहार आता था तो जो हिंदू नेता होता था वह भी टोपी गमछा आंख में सुरमा पता ना क्या क्या जी लगाकर मुस्लिम वोट पाने के लिए कितने पापड़ बेलते थे
लेकिन 2014 के बाद आप याद कीजिए 2014 से पहले राहुल गांधी जी का किसी मंदिर का या गुरुद्वारे का फोटो सहित ही आप कहीं देखे हो जाएगा मेरे ख्याल से तो आप देखें भी नहीं होएगा 2014 से पहले 2014 के बाद पीएम नरेंद्र मोदी केंद्र में आते हैं पीएम बनते हैं उसके बाद राजनीति का तरीका बदल जाता है राहुल गांधी मंदिर मंदिर घूमने लगे कुछ समय पहले तक अरविंद केजरीवाल जी गमछा टोपी पता ना क्या क्या लगा के मुस्लिम वोट पैक पाने के लिए क्या-क्या किए वह भी अब आजकल राम राम का जप जप रहे हैं
और आज 29 दिसंबर 2020 है जो ममता जी बंगाल में मुस्लिमों को कहती थी की दूध देने वाली गाय है हम उनकी लात भी खा लेंगे आज उनकी रैली में पहली बार भगवा दिखाई दिया यानी वह भी समझ गई है अगर हिंदू एक बार जाग गया तो हाथ से सत्ता चली जाएगी अब वह भी राजनीति में अपना नया रंग ला रही है पहली बार उनकी राजनीति रैली में भगवा रंग दिखाई दिया है यह है नरेंद्र मोदी जी को आने से राजनीति में आया बदलाव हुआ कल तक जो मस्जिद मस्जिद घूमते थे आज मंदिर मंदिर घूम रहे हैं
कांग्रेस पार्टी राम मंदिर के निर्माण के में हमेशा रंगा डाल रहे थे लटकाने की कोशिश किया यहां तक कि कांग्रेस के नेता ने यह भी कहा कि अभी चुनाव का माहौल चल रहा है फिलहाल इस केस को डाल दीजिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला को मना किया बोला नहीं सुनवाई चलेगा और फिर सुनवाई में लास्ट में राम मंदिर के पक्ष में फैसला आया और राम मंदिर भी अब बन रहा है तेरी से बन रहा है 2023 तक राम मंदिर भी बन के तैयार हो जाएगा
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