आज उसकी आंखों में आंसू देखा है हमने
एक बिहारी बिहारको सुधार निकाला था एक बिहारी बिहार को सुधारने निकला था लेकिन बिहार वाले ने उसे बिहार का हिम्मत तोड़ने की बहुत कोशिश किया जो व्यक्ति अपना ऐस अराम की जिंदगी छोड़ के बिहार की गली गली घूम रहा था बिहार के लोगों कोबता रहा था कि आपका भला किसीचज में है वोपहलेअपनेसे पहलेअपने बच्चों को तरफ देखो और उसके रोजी रोजगार के लिए वोट दो लेकिन 10 हजार रुपए के लिए अपना कीमती vot बेच दिए या yah ₹10000 mein vote khareed liye एक तरफ से देखाजाए तो एलेक्सन कमीशन मे भी गलत को गलत होने दिया रोका नही अब कोई भी सरकार चुनाव मे अपने पद का नजायज फायदा उठाने का काम करेगी कुछ लोग कह रहे हैं प्रसन्नतकिशोर को इस्तीफा दे देना चाहिए लेकिन भाई vot पाने मे vot खरीदने मे अंतर होता है....?